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मानवता को बचाने के समर्थन में शाबर मंत्र साधना आश्रम के लिए ऑनलाइन दान करें। "आज ही दान करें। टैक्स लाभ मिलता है "

"एक मंत्र तंत्र यन्त्र साधन, ध्यान आध्यात्मिक पावर हाउस है, शांति में ध्यान, शुद्ध पवित्र वातावरण, चार स्तरीय ध्यान प्रणाली, व्यक्ति और समाज को ज्ञानवान बनाना ही मानव जाति और वैश्विक परिवार के लिए सेवा है

About Ashram

भारतीय ज्ञान अपनी श्रेष्ठता, महत्व का लोहा पुरे विश्व में निरंतर ही लम्बे समय से बनाया हूए है , आज आधुनिक वैज्ञानिक एस बात को मान रहे है | इस की समृद्ध विरासत को समाज के सामने एक बहुत बदसूरत और विकृत रूप में प्रस्तुत किया गया | स्वार्थी हितो के लिए इस ज्ञान का दुरूपयोग किया गया | जिस से मंत्र और तंत्र जैसे शब्द आम लोगो के लिए भय का पर्यायवाची शब्द बन गया । इस प्रकार अज्ञान की वजह से तंत्र समाज में ज्यादा खतरनाक शब्द बन गया है | लोगों को अभी इसके बारे में सुनने से डर लगने लगा और, जो एक आम व्यक्ति सोचता हैं एक तांत्रिक शराब पीता है, अफीम खाता है , गालियाँ देता है , हमेशा धूम्रपान करता है, जो बड़े लाल सुखी आँखें, लिए भयानक दीखता है ,

गुरुसेवा ही केवलम

असाध्य बीमारी का इलाज होना चाहिये,अगर यह कार्य तंत्र के माध्यम से हो जाये तो बहोत से लोगो का पैसा बच जायेगा,क्योंकि हर व्यक्ती आज पैसे के वजह से इलाज नही कर पाता है और दुख तब होता जब कोई जिम्मेदार व्यक्ती अपने परिवार की जिम्मेदारिया पूर्ण होने से पहले म्रुत्यु को प्राप्त हो जाता है | मै अपनी तरफ़ से उन लोगो का मदत करना चाहता हू जो लोग अपना इलाज नही करवा सकते है और यह सेवा सिर्फ उनके ही लिये है | पुण्यता निशुल्क. 5 मंगलवार या 5 शनिवार मे आपको स्वास्थ मे सुधार नजर आ जायेगा. आप मुझसे सम्पर्क कर सकते है. आदेश......

शाबर मन्त्र विज्ञानं - MTYV Vishwa Vidyalaya

यह सम्पूर्ण विश्व भगवान का स्वरुप है दूसरे शब्दों में कहा जाये तो भगवान ही है परन्तु स्वार्थ के कारण कुछ व्यक्ति राक्षस बन गये है | जगत का मूल कारण शब्द है, प्रत्येक शब्द एक विशेष प्रकार का कम्पन निर्माण करता है, विज्ञानं मानता है की सृष्टि के सब पदार्थ कम्पन से बनते - बिगड़ते है| इसलिये "मंत्रो का शक्ति" सहज ही समझ सकते है | शब्दों में क्या शक्ति है यह हमारे विद्वान ऋषि मुनि जानते थे, उन्होंने समाज के हित हेतु शब्दों के ज्ञान को समझा और शब्दों को एकत्रित करके मंत्रो का रचना कि गई ताकि मंत्रो के जाप करने माध्यम से अभीष्ट फल की प्राप्ति हो जाती है , वेद पुराण और तंत्रो के अधिकांश मन्त्र ऐसे है जिनके प्रयोग में सावधानी की आवश्यकता होती है और पूर्ण विधि विधान करने पर ही वे फल प्रदान करते है, क़िन्तु शाबर मंत्र उच्चारण मात्र से अपना प्रभाव प्रकट करते है केवल उन्हें प्रभावी रखने के लिये थोड़ा - बहुत क्रिया आवश्यक है| यह क्रिया आपको सीखनी पड़ती है ताकि आपको जीवन मे शाबर मंत्रो मे सफलता प्राप्त हो जाये और आप जो भी मंत्र सिद्ध करे वह मंत्र चैतन्य रहे | ऐसा हो ही नही सकता की आपको योग्य मार्गदर्शन मिले और फ़िर भी आपको शाबर मंत्रो मे सफलता ना मिले, ये संभव नहीं है यह नाथ सम्प्रदाय है | नाथ सम्प्रदाय एक परंपरा के हिसाब से प्राचीन काल से चलता आ रहा है , जिसके बारे मे मै यहा हमारे गुरुओ के नाम और परंपरा की शुरुवात कहा से हूआ था यह बता रहा हू.

यह हमारी नाथ परंपरा है-

1. चैतन्य श्री आदिनाथ
2. चैतन्य भगवान दत्तात्रेय
3. चैतन्य श्री मच्छिंद्रनाथ
4. चैतन्य श्री गोरक्षनाथ
5. चैतन्य श्री गहनीनाथ
6. चैतन्य श्री निवृत्तीनाथ
7. चैतन्यश्री ज्ञाननाथ (ज्ञानेश्वर महाराज)
8. चैतन्य श्री सत्यमलनाथ
9. चैतन्य श्री गुप्तनाथ
10. चैतन्य श्री परमहंसजी
11. चैतन्य श्री ब्रम्हानंद
12. चैतन्य श्री परमानंद
13. चैतन्य श्री काशीनाथ
14. चैतन्य श्री विठ्ठलनाथ
15. चैतन्य श्री चंदननाथ
16. चैतन्य श्री गोविंदनाथ (1854 ते 1935 )
17. चैतन्य श्री शम्भूनाथ (1935 ते 1998 )
18. गुरू सेवा और कार्य.....

आदेश......

Daily Message

कोई सिद्ध पुरूष गुरु नहीं हो सकता है सद्गुरु अपनी सिद्धि या शक्ति का चमत्कार दिखा कर आपनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन नहीं करते है सद्गुरु का सारा चिंतन शिष्य के जीवन को सवरना और पुण्यता प्रदान करना होता है। . गुरु तो बहुत दूर की देखता है वह देखता की शिष्य को जीवन की पगडण्डी पर कहाँ खड़ा करना है और जहा खड़ा करना है उस के लिए आज कौन सी आज्ञा देनी है इस लिए आज्ञा पालन मैं देरी नहीं करनी चाहिए पुण्यता तो तब संभव होती है जब शिष्य गुरु के चरणों मैं सिर रखकर अन्सुओ से उन के चरणों को धोए आपने को पूर्ण विसर्जित करे उस का ह्रदय गदगद हो जाये गला भर आये और रुधे हूए गले से कुछ शब्द नहीं निकले तो गुरु देव शब्द ही निकले तो समझ जाये यही जीवन की पूर्णता है
हम सब आनंद चाहते हैं, हम सब शांति चाहते हैं, हम सब तृप्ति चाहते हैं। लेकिन हम खोजते हैं बाहर। वहीं भूल है। खोजना है भीतर, टटोलना है अपने में अपने माहिं टटोल। अगर हम भीतर जागकर देख सकें तो वहां जो है वही परमात्मा है, वही मोक्ष है, वही निर्वाण है। फिर उसे कोई कोई नाम दे दे, इससे कोई भेद नहीं पड़ता। वहां जो है वही परम आनंद है, वही परम सत्य है।

Announcements

तंत्र बांधा,असाध्य बीमारी का इलाज संपर्क करे

Daily 5.30 PM - 8.00 PM IST, Paath जादा जानकारी हमें ईमेल करे,
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मनोइच्छओं की प्राप्ति के तांत्रिक उपाय विवरण के लिए संपर्क करे

Daily 3.30 PM - 5.00 PM IST, Paath जादा जानकारी हमें ईमेल करे,
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Upcoming Tithis

मुहूर्त जनवरी ,2015 -
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अमृत सिद्ध योग -
११ जन. २५:४१ से १२ जन. सूर्य उदय तक
२७ जन. सूर्य उदय से २७ जन. ११:११ तक
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मुंडन मुहूर्त -
२१ जन. मेष लग्न में !
२३ जन. मेष लग्न में !
२६ जन. मेष लग्न में !
२७ जन. अभिजीत में !
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दुकान या व्यवसाय शुरू करने का मुहूर्त -
२१ जन . मेष लग्न में
२६ जन . अभिजीत में
२९ जन . अभिजीत में
३० जन . अभिजीत में
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वाहन खरीदने का मुहूर्त -
२६ जन . मेष , वृष , मिथुन लग्न या अभिजीत में
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गृह प्रवेश मुहूर्त -
२१जन. मेष लग्न में
२३जन. मेष लग्न में
२६जन . मेष लग्न में
२९जन . अभिजीत में
३०जन . अभिजीत में
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उपनयन ( जनेऊ ) मुहूर्त -
२१ जन . मेष लग्न में ( आवश्यक में )
२३ जन , प्रातः ०८:२१ तक ( आवश्यक में )
२६ जन . अभिजीत में !
२९जन . अभिजीत में !
३०जन , अभिजीत में !
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मंत्र - तंत्र - यन्त्र साधना के महत्वपूर्ण काल -
२०जन . ०९:४१ से २१:१४ तक
२९जन. १६:४४ से ३०जन . १०:५२ तक
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मकर संक्रांति -
मित्रों १४ जनवरी ,२०१५ ( बुधवार ) को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा , इस दिन सूर्य देव मकर राशि में सायं ०७ बजकर २६ मिनट पर प्रवेश करेंगे और इस दिन पुण्यकाल - दिन में ०१ बजकर ०२ मिनट से आरम्भ होकर १५ जनवरी दिन ११ :२३ तक विद्यमान रहेगा इस समय का आप सभी मित्र गण अधिक से अधिक पूजन - जप - दान - साधना आदि करके विशेष लाभ प्राप्त कर सकते है !