आनेवाले शनिवार के दिन सफेद आक के पौधे के पास जाये और वहा पर एक सफेद वस्त्र बिछाये,वस्त्र पर काजल से अपना पूर्ण नाम लिखे और नाम के उपर सव्वा किलो चावल का ढेरी बनाये.अब आक के पौधे को जल चढाये और कुंकुम से रौली से पुजन करे.पुजन के बाद 5 अगरबत्ती जलाये और पौधे की पांच परिक्रमा करके अगरबत्ती को जमीन पर लगादे.
अब चावल के ढेरी पर एक मिट्टी का दीपक रखे जिसमे सुगन्धित तेल भरा हो और अपना कामना बोलकर दीपक को प्रज्वलित करदे.
यह क्रिया रात को बारा बजे होनी चाहिये सिर्फ इतना ही नियम है.दीपक प्रज्वलित करने के बाद एखादा गुलाब का पुष्प दीपक के पास चढा दिजिये और बिना पीछे मुडे घर को वहा से निकल जाये.
अगर किसी प्रकार का आवाज आये तो डरना नही कोई तकलीफ़ नही होगा.
मातारानी आपका कामना पूर्ण करे.
आदेश.