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bhagya ka nirmata manushya


एक आदमी ने नारदमुनि से पूछा मेरे भाग्य में कितना धन हे, नारदमुनि ने कहा भगवान विष्णु से पुछ कर कल बताऊंगा। नारदमुनि ने कहा-  1 रुपया रोज तुम्हारे भाग्य में हे, आदमी बहुत खुश रहने लगा उसकी जरूरते 1 रूपये में पूरी हो जाती थी। एक दिन उसक...

सब कुछ नहीं है पैसा


सब कुछ नहीं है पैसा है वो भी जरूरी पर सब कुछ नहीं है पैसा मकसद ऐ जिंदगी का क्यों रखलिया है पैसा पैसे से सिकंदर ने क्या क्या खरीद लाया आखरी घडी में पैसा ना काम आये दो सांस भी मिल जाए होता नहीं है ऐसा है वो भी जरूरी पर सब कुछ नही...

रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने लिरिक्स


रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने लिरिक्स रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये श्रष्टि चला रहे है, जो पेड़ हमने लगाया पहले, उसी का फल हम अब पा रहे है, रचा है सृष्टि को जिस प्रभु ने, वही ये श्रष्टि चला रहे है।। इसी धरा से शरीर पाए, इसी ...

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