महाकाली साधना.
अघोरी हो या तांत्रिक हो सब की आराध्या महाकाली ही है, जिसने काल को सेवा मे रखा हुआ है.जहा महाकाली है वही महाकाल है और जो साधक महाकाली साधना करता है उस पर महाकाल की तो कृपा करते ही है. व्यर्थ का चिंता छोड दो और आप महाकाली साधना संपन्न कर लो. तो जीवन आ रही बंधा समाप्त हो जाती है और जीवन में कोई आभाव नहीं रहता है
साधना विधान:-
वस्त्र कोई भी हो आसन लाल हो, रुद्राक्ष का माला या काली हकिक माला से जाप करे,दिशा उत्तर,चैत्र नवरात्री मे जाप करना हो तो रात्री मे 9 बजे के बाद करे,रोज 11 माला अवश्य करे.
ओम कराल वदनां घोरां मुक्तकेशीं चतुर्भुजाम
आद्यं कालिकां दिव्यां मुंडमाला विभूषिताम
सद्यश्छिन्ना शिरः खडग वामोर्ध्व कराम्बुजाम
महामेघप्रभाम् कालिकां तथा चैव दिगम्बराम्
कंठावसक्तमुंडाली गलद्वधिर चर्चिताम्
कर्णावतंसतानीत शव युग्म भयानकाम
घोरदृष्टाम करालास्यां पीनोन्नत पयोधराम
शवानाम करसंघातै कृतकांची हसनमुखीम्
सृक्कद्वय गलद्वक्त धारा विस्फुरिताननाम
घोररावां महारौद्रीं श्मशानालय वासिनीम्
बालार्क मंडलाकारां लोचन त्रितयांविताम्
दंतुरां दक्षिण व्यापि मुक्तालविकचोच्चयाम
शव रूप महादेव हृदयोपरि संस्थिताम्
शिवाभिर्घोर रावाभिष्चतुर्दिक्षु समन्विताम्
महाकालेन च समं विपरीत रतातुराम
सुख प्रसन्न वदनां स्मेराननसरोरुहाम ll
मंत्र:-
ll ॐ क्रीं क्रीं महाकालीके क्रीं क्रीं फट ll
हर सकंट मे मंत्र का जाप करे, सही रास्ता मिलेगा. रोग कोई भी हो माँ के कृपा से भाग जायेगा, यह छोटा सा मंत्र माँ के दर्शन प्राप्त कराने हेतु सक्षम है.और जीवन में कोई आभाव रह ही नहीं सकता है |
साधना में श्रद्धा अनिवार्य तत्व है क्योंकि अपनी स्वयं की श्रद्धा ही साधक को साधना में धैर्य और ऊर्जा प्रदान करती है।श्रद्धा के द्वारा ही वह विपरीत परिस्थितियों पर विजय प्राप्त कर सकता है।यदि मन में दृढ़ श्रद्धा और विश्वास हो तो निश्चय ही लक्ष्य की प्राप्ति होती है।