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चन्द्रिका यक्षिणी साधना Chandrika Yakshini Mantra Sadhana

चन्द्रिका यक्षिणी साधना Chandrika Yakshini Mantra Sadhana

चन्द्रिका यक्षिणी साधना.



ईश्वर उवाच-

अथाग्रे कथियिष्यामि यक्षिण्यादि प्रसाधनम्l
यस्य सिद्धौ नराणां हि सर्वे सन्ति मनोरथाः ॥


श्री शिवजी बोले –
हे रावण ! अब मैं तुमसे यक्षिणी साधन का कथन करता हूं , जिसकी सिद्धि कर लेने से साधक के सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं ।
चन्द्रिका यक्षिणी शीघ्र फल प्रदान करती है उन्हे साधका से कोई अपेक्षा नही है,जैसे षोडश यक्षिणी साधानाये हमारे तंत्र शास्त्र मे है और बाकी पन्द्राह यक्षिणीया साधक के कार्य को अनुकूल करने के उपरांत कुछ ना कुछ अपेक्षाये रखती है जिसे कुछ लोग भोग कहेते है.परंतु यहा आज आपको चन्द्रिका यक्षिणी साधना दियी जा रहि है जिसे अत्यन्त निर्मल मन से संपन्न करे,शुद्ध भाव,सहनशिलता और पूर्ण विश्वास से ही यक्षिणी साधना मे सफलता संभव है.
बहोत से मेरे प्यारे बन्धूजनो का एक निवेदन था इन समस्या पर साधना पोस्ट करे जैसे "मै कर्ज से मुक्त हो जाऊ,मेरा शादि हो जाये,मेरी प्रेमिका मुझे वापस मिल जाये,मुझे धन प्राप्त हो,मै किसिसे निस्वार्थ प्रेम करता हू उनसे शादि हो जाये,मेरा कारोबार अच्छेसे चल जाये,मेरे नौकरी मे बाधा है या मुझे नौकरी मिले.....लिस्ट बहोत बडी है".
समस्याओ की गिनती नही परंतु समाधान एक ही है "चन्द्रिका यक्षिणी साधना",जिसने की वो खुश ही रहेगा.
यक्षिणी देवलोक से होती है इन्हे इतर योनी ना माने,ज्यादातर अघोरीयो के पास यह सिद्धी होती है जिससे उन्हे मनोवांछित कार्य करने मे मदत मिलता है.यह साधना साधु,सन्यासी,पुरुष और स्त्री भी कर सकते है.साधना हेतु लाल वस्त्र और आसन जरुरी है,नयी स्फटीक माला हो जो शिवलिंग से स्पर्शित करके तय्यार रखे.जब तक आपके मन मे प्रसन्नता ना हो तब तक साधना ना करे.
विधान आसान है जैसे उत्तर दिशा मे मुख करके बैठना है,साधना 11 दिन का है,21माला जाप रोज करना है,रोज बेसन के लड्डू का भोग लगाये जो शुद्ध घी मे बना हुआ हो,स्टील के प्लेट मे एक कुंकुम से स्वस्तिक बनाये,लाल गुलाब रोज चढाना है स्वस्तिक पर,स्वस्तिक रोज प्लेट पर बनाये और साधना करने के बाद प्लेट को शुद्ध जल से धोकर जल दूसरे दिन सुबह पिपल के पेड के पास चढा दे.साधना रात्री मे 10 बजे से किसी भी शुक्रवार से प्रारंभ करे.लड्डू का प्रसाद स्वयं ग्रहन करे.साधना से पूर्व हाथ मे जल लेकर संकल्प बोले "मै अमुक पिता का पुत्र गुरूकृपा से चन्द्रिका यक्षिणी साधना संपन्न करने जा रहा हू,मुझे इस साधना मे पूर्ण सफलता प्राप्त हो और मेरा अमुक कार्य सिद्ध हो"
जल को जमीन पर छोड दे और अपने गुरू से साधना सफलता हेतु प्रार्थना करे.

विधि:-

सबसे पहिले देवि का आवाहन करे-

ll आवाहयामी देवि त्वं सर्वशक्ति प्रदायनी,सर्व मंगलरुपा त्वं सर्व कार्य सुभंकरी,आवाहयामी आवाहयामी देवि चन्द्रिके,स्थापयामी पुजयामी नम: ll

मंत्र:-

ll ओम ह्रीं चन्द्रिके आगच्छ इच्छीतं साधय ओम फट ll

Om hreem chandrike aagachcha ichchitam saadhay om phat

आप सभी की कामना पूर्ण हो यही सदगुरूजी के चरणो मे नम्र विनती है,आपकी साधना मंगलमय रहे.

आदेश.

चन्द्रिका यक्षिणी साधना.

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