होली विशेष साधना-2
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इस साधना से किसी प्रकार की विपत्ती और बाधा जीवन मे व्याप्त नही होती है और होली के पर्व पर यह साधना सभी को करना ही चाहिये.मै इस बार साधना के ज्यादा लाभ नही लिखुगा सिर्फ इतना जानना जरुरी है इस साधना से
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पती-पत्नी मे मतभेद हो तो समाप्त होते है,
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व्यापार मे कभी हानी नही होगी,
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समय पर कार्य संपन्न होगे,
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भाग्य बाधा कम होती है,
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बिमारी मे राहत मिलता है.
साधना विधान:-
दक्षिण दिशा मे मुख करके बैठे,कोई भी लाल रंग की माला से 11 माला जाप करना है,आसन वस्त्र लाल हो तो ठिक है अगर आपके पास ना हो तो समय ना गवाये जो भी हो उसिसे काम चलाये.जाप के बाद माला को दूसरे दिन जमीन मे गड्डा खोदकर गाड दे.
जाप से पूर्व दाहिने हाथ मे जल लेकर संकल्प ले
"मै अमुक पिता का पुत्र,मै यह साधना संपन्न कर रहा हू जिससे मुझ पर मेरे घर पर या मेरे परिवार पर अथवा व्यापार पर किसी प्रकार का दोष,तांत्रिक दोष या पित्रू दोष आदि हो,तो वह समाप्त हो जाये और मेरी पुन: उन्नति प्रारंभ हो"
येसा बोलकर जल को जमीन पर छोड दे और मंत्र जाप प्रारंभ करे.
मंत्र:-
ll ओम क्लीं मम समस्त शत्रुणाम दोषान निवारय क्लीं फट स्वाहा ll
om kleem mam samast shatrunaam doshaan nivaaray kleem phat swaahaa
हो सके तो साधना तीन दिनो तक करे और चौथे दिन माला को जमीन मे गाड दे.
साधना अनूभुतित है,सभी साधक लाभ उठाये.
आप सभी को होली के अवसर पर ढेर सारी बधाई,आपके जीवन मे कल्याण हो.