सूर्यग्रहण मनोकामना पुर्ती साधना.
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एक सच्चा साधक तो कई दिनो पूर्व से ही सूर्य ग्रहण का प्रतीक्षा करता है,क्युके ग्रहण काल मे मंत्र जाप का फल सौ गुना होता है.येसा मत सोचे ग्रहण विदेश मे दिखेगा तो हमे यहा भारत मे क्या लाभ होगा,ग्रहण कही भी द्रुश्य हो लाभ तो होता ही है.
इस साधना से कामनापूर्ति होता है और मनोकामना के कई प्रकार है.जो आपको जरुरी हो और आपको सही मार्ग पर जाना हो जिससे आपको प्रत्यक्ष लाभ मिले येसा कामना पूर्ण करने हेतु आपके लिये यह साधना आवश्यक है.
साधना विधि:-
ग्रहण के प्रारंभ समय मे यह साधना संपन्न करना है,मंत्र जाप से पूर्व हाथ मे जल लेकर अपनी कोई भी तीन कामना बोलकर जल जमीन पर छोड दे.स्फटिक माला से मंत्र का 24 माला जाप करे,दिशा पूर्व हो,वस्त्र आसन लाल या सफेद रंग के हो.मंत्र को जाप के पहिले ही याद करके रखे.
भगवान सूर्यदेव का आवाहन मंत्र बोलकर करे.
ॐ सहस्त्र शीर्षाः पुरूषः सहस्त्राक्षः सहस्त्र पाक्ष |
स भूमि ग्वं सब्येत स्तपुत्वा अयतिष्ठ दर्शां गुलम् ||
Om Sahastra Sheershah Purushah Sahastrakshah Sahastra Paaksh |
Sa Bhumi Gvam Sabyet Staputva Ayatishth
Darshaam Gulam ||
मंत्र बहोत आसान है परंतु जाप के समय शरीर मे गर्मी बढने की अनुभूति हो तो जाप के समय विचलित ना हो और मंत्र जाप करते रहे.