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Bed time Stories

Bed time Stories

मनुष्य का बुरा समय कटता ही नहीं । लटक और भटक अवश्य ही जाता है? मनुष्य का मनोविज्ञान ग्रहों की माया इतनी प्रबल होती है की अपनी दशा महादशा में अच्छे अच्छे लोगो को हिला कर रख देती है। उस वक्त मंत्र जाप अनुष्ठान आदि में व्यवधान उत्पन्न होते ज्यादा है और कार्य भी शीघ्र पूर्ण नही होने देते। मनुष्य की बुद्धि भी प्रबल माया में भटक जाती है! इसीलिए कहा जाता है विनाश काले विपरीत बुद्धि। आपकी हित चाहने वालों को भी हम बुरा बना देते हैं उनके ऊपर शक करने लगते हैं और हमारा समाधान की जगह नुकसान शुरू हो जाता है। बुरे समय में मनुष्य को पूरी तरीके से हिला देता है । उसकी सोचने वाली बुद्धि और जिस पर वह विश्वास करता है। वह भी अज्ञानी और दुर्भाग्यशाली व्यक्ति की तरह अपने आप को समझने लगता है। वह अपने गुरु ईस्ट या जिसे वह उपाय करवाता है या अपनी समाधान जानने के लिए जाता है या समाधान करता है। वह उसको भी अपनी लपेटे में ले लेता है। जो उसकी मदद करता है उसे ही फिर दुर्भाग्यशाली होने का श्राप देने लगता है या उसके ऊपर पूरा हमला ही कर देता है। गली तक मुंह से निकलने लग जाती हैं। सब के लिए बुरा सोचने लग जाता है। गुरु और मार्गदर्शन देने वाले उसे सुई की तरह चुभने लग जाते है। Un ki अच्छी बात भी बहुत बुरी लगने लग जाती है। वह अपनी मां की मालीनता और गंदगी दूर करने के बजाय वह सभी कोसता हुआ कहता है लोग कितना पाप कर रहे हैं बड़ा कम कर रहे हैं उनको सजा क्यों नहीं मिल रही है मुझे क्यों सजा मिल रही है? तरह-तरह की उसके ख्याल उसे उगाने की बजाय मुरझाने के लिए मजबूर कर देते हैं। यहीं से उसकी यही से उसका दुर्भाग्य उसे आगे की ओर धकेलता जाता है। मनुष्य मरता तो नहीं है कभी-कभी लेकिन इतना तिल तिल के मारता है कि रोज ही उसे मृत्यु की जैसे एहसास होता है। रोज सुबह सूर्य को देखते हुए भी वह अपने अंदर अंधेरा अनुभव करता है। उसकी श्रद्धा विश्वास पूरी तरीके से हिल जाता है वह पूरी तरीके से अपने आप को हीन भावना से ग्रस्त कर लेता है। उसके सामने उपाय होता हुआ भी उसे नजर नहीं आता है। उसकी देखने की शक्ति भी छिन जाती है। वह अपने आप को पूर्ण शक्तिहीन समझता है दुर्भाग्यशाली समझता है अपने आप को पाप कर्मों में विलुप्त और अपने पाप कर्मों की सजा जानकर किसी भोगने के लिए कहता है जैसा चल रहा है वह होने दो। फिर दुर्घटना और विपत्ति का समय आगे बढ़ता ही जाता है। मनीष जो शांति है वह कहीं खो जाती है मां का कंट्रोल अपने हाथ से निकल जाता है वह तरह-तरह की बचने के उपाय भी सोचता है पर असफलता की तरह। कई लोग कर्ज के दलदल में है कई रुपया फसे हुए है उनसे परेशान है । अगर आपके दिन खराब चल रहे है धैर्य से काम लेना होगा। जिन्हे कर्ज होता है विशेष रूप से इनके बुद्धि जरूरत से ज्यादा खराब है। इनमे मैनेजमेंट की कमी होती है। जहा लगाना चाहिए वहा नही लगाते और जहा नही लगाना चाहिए वहा लगा देते है । और कई बार बुरा समय के विशेष चक्कर है तो रिस्क ज्यादा खेलेंगे । सट्टे की लत ज्यादा होगी कितना जल्दी आप कड़ोड़ पति बन जाए ऐसे खयाल आते है। याद रखे यह खयाल ग्रह देते है। राजा हरिश्चंद्र की शनि की महादशा में भिखारी और अपने आप को अपने परिवार को बेच दिया। फिर भी कर्जा उतार नहीं पा रहे थे। बड़े बड़े योगी ध्यान करने वाले भी जेल जाना पड़ जाता है। बड़ी दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। बड़े राजनीति और धनवान लोग भी भिखारी की तरह बन जाते हैं। उनके परिवार भी उनके साथ छोड़ देता है । उनके मित्र दोस्त भी सब उनसे पीछा छुड़ाने के लिए फोन भी नहीं उठाते हैं और ना ही कभी हाल-चाल पूछने के लिए दोबारा आपको कॉल करते हैं या आपको समय देते हैं। इस संसार चक्र में जो कुछ हो रहा है उनकी बेमतलब की हो जाती है। हम सकारात्मक बनना तो चाहते हैं पर बन नहीं पाते हैं? सकारात्मक बनने के लिए मार्गदर्शन की जरूरत होती हैं। और सही मार्गदर्शन का उपाय और आज्ञा का पालन करते हुई आप आपने दुर्भाग्य से पीछा छुड़ा सकते। धनवान, कर्ज मुक्त, होकर शांति और समृद्धि एवं विकास हो सके गा। ग्रहों का अनुष्ठान करना। पूजा पाठ करना साधना करना ऐसी समय में अनिवार्य हो जाता है बार-बार आपको साधना करना या करवाना ही पड़ेगा तभी आप अपनी समस्या से धीरे-धीरे निकाल पाएंगे बार-बार मुसीबत उसे समय आएगी पर आपके धैर्य बनाकर अपने आप को खड़ा रखना पड़ेगा। आपके पास उस समय पैसे नहीं भी होंगे तब भी आपको जरूरत के पैसे बचाकर पूजा पाठ अनुष्ठान में लगाना पड़ेगा। क्योंकि नुकसान को ठीक करने के लिए तो इलाज तो करना पड़ेगा क्योंकि तब छोटा उपाय भी काम नहीं करता है आपको बड़ी अनुष्ठान कर कर ही या करके ही आपको सफलता प्राप्त हो सकती है। कई बार इंटरनेट से उपाय देखकर या किसी सहायक से उपाय पूछ कर उपाय करते हैं तो समस्या का समाधान नहीं हो पता है जो आपको समय देना पड़ेगा 40 दिन या 60 दिन का समय लगता है और अनुष्ठान का भी फल आपको 30 से 90 दिन के अंदर प्राप्त होने की संभावना होती है। रातों-रात आपको लाभ नहीं दिखाई देता है तो यह समझना चाहिए कि समय लगेगा पर उपाय करते रहना पड़ेगा तभी हमारा दुर्भाग्य दूर होगा और उपाय करता यह समझ ले गुरु और गुरु द्वारा मार्गदर्शन करने वाले लोगों को कभी भी भला बुरा या अगर वह पैसे ले लेते हैं या कार्य नहीं करते हैं तो भी आपको भला बुरा नहीं कहना है उसे समय ग्रह की स्थिति ऐसी होती है कि आपसे केवल लिया जाता है दिया नहीं जाता है। लेने से आपकी पाप कम होते जाते हैं। आपका दुर्भाग्य धीरे-धीरे समाप्त होता जाता है अपनी मनोदशा को सही करते हुए केवल पॉजिटिव सोचना है क्योंकि कुछ खोने के बाद ही आप कुछ पाने की संभावना बनती है यह आप बचपन से सीखते आए हैं। उपाय बताने वाला और मार्गदर्शन करने वाला भी आपके ग्रहों की स्थिति से परेशान हो जाता है उसे भी उसका दंड का भागी बनना पड़ता है। उसकी साधना और पूजा पाठ का क्रम बिगड़ जाता है। उसकी भी मनोदशा क्रोध और छीन भिन्न कर देती है मनोदशा। इसलिए उपाय बताने वाले मार्गदर्शन वाले को गुरु कहा जाता है और गुरु ही शिव होते हैं जो मनुष्य का जहर रूपी पाप को ग्रहण करके भी शुभ शिव बने रहना पड़ता है। इसीलिए गुरु को सदैव प्रणाम करना चाहिए और श्रद्धा विश्वास बनाकर रखना चाहिए क्योंकि बुरे समय में सिर्फ आपका साथी गुरु ही होता है मार्गदर्शन करने वाला ही होता है इसलिए उसका हाथ पकड़ कर चलने में आपकी भलाई है। ईश्वर आपको संकेतों के माध्यम से ही आपको शुभ व्यक्ति प्राप्त होता है सौभाग्यशाली व्यक्ति आपको प्राप्त होता है इसलिए आपको बहुत ध्यान से समझ कर ही आपको विश्वास करना चाहिए। धन वैभव छिन जाने के बाद भी अगर आप बच्चे हैं तो यह भी आप ईश्वर को शुक्रिया और ग्रहों को शुक्र धन्यवाद देना चाहिए। मार्गदर्शन उस समय पाना सबसे कठिन है और अच्छे लोग मिलना भी कठिन होते हैं इसलिए आपको सोच समझकर ही उपाय करता और मार्गदर्शन करने वाले के ऊपर विश्वास करना चाहिए। अगर विश्वास किया है तो समय देना पड़ेगा तुरंत रातों-रात आपको सफलता नहीं मिल जाएगी क्योंकि बीज भी तीन दिन का समय लेता है उगाने में। और फल देने में समय लगेगा। आपका लाभ आपका शुभ हो और आपका दुर्भाग्य समाप्त हो इसी के साथ आप के साथ कनेक्ट है ऑनलाइन गुरुकुल। सिद्धाश्रम के द्वारा संचालित है। सदगुरुदेव की मार्गदर्शन में ही आपको उपाय बताए जाते हैं। गुरु धाम से संपर्क कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान कर सकते हैं। गुरुदेव भी साधना शिविर के माध्यम से आपकी समाधान करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। आपको सचेत किया जाता रहेगा। बाकी आपकी मर्जी है आपके जीवन जीने के लिए स्वतंत्र हैं। आप सभी ऋषि मुनि महात्माओं को प्रणाम आपका शुभ हो और आप अपने कर्मों में सफलता पाए सदगुरुदेव स्वामी महाराज की जय आचार्य श्री प्रताप सिंह साधना मार्गदर्शन और ग्रहों का उपाय जानने के लिए सम्पर्क करें। WhatsApp number 919560160184

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