कैसे कह दूँ कि मेरी.....
हर दुआ बेअसर हो गई !
मै जब भी रोया....
सतगुरु को खबर हो गई
सो जाता है हर कोई
अपने कल के लिए ।
जागता है मेरा सतगुरू
सबके भले के लिए।
"मेरा सहारा भी तू है...
मेरी भक्ति भी तू है...
मेरा विशवास भी तू है...
मेरी शक्ति भी तू है...
अब और क्या कहु . सतगुरु .
मेरा सब तू ही तू....
मेरी सुबह तुझ से शुरू
और रात भी तुझ पर खत्म...
तू ही तू सतगुरु
मेरा सब तू ही तू ।
गुरु वो होते है जिनके मिलने के बाद शिष्य अपने वास्तविक लक्ष्य की ओर चल पड़ता है।
गुरु वो होते है जो शिष्य की कमियों को न देखते हुए सदा उसे ऊँचा उठाने में प्रयासरत रहते है।
गुरु वे होते है जिनका ऋण कोई शिष्य करोड़ों जन्म लेकर भी चूका नही सकता।
ऐसे ब्रह्मनिष्ठ सद्गुरु जिससे मिल जाये उस शिष्य के भाग्य की सराहना तो देवता भी करते है।
हमारे प्यारे, सबके सहारे,
' पुज्य गुरुजी ' अपनी करुणा कृपा से हमें सहज में मिले है