मकर संक्राती साधना.
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अपने दोनो हाथ मे पुष्प लेकर प्रार्थना करे "हे देवी महालक्ष्मी मै अपने जीवन को अम्रुत स्वरुप बनाने हेतु आपकी आराधना कर रहा हू ,मेरी समस्त कामनाए पूर्ण करे" और पुष्प को देवी को अर्पित कर तथा निम्न मंत्र की ग्यारह माला जाप करे.
मंत्र जाप 15 तारिख को सुबह 6:30 से 9:30 के बीच करना है,माला कमलगट्टा या स्फटिक की हो,आसन वस्त्र का विधान जरुरी नही है परंतु दिशा पूर्व हो.
मंत्र-
ll ओम ह्रीं ह्रीं क्लीं नानोपलक्ष्मी श्री पद्मावती आगच्छ आगच्छ नम: ll
मंत्र जाप के बाद नैवेद्दय अर्पित करे और कपूर से आरती करे.
इस मंत्र साधना मे कहा जाता है जीवन मे धन,यश,मान,पद,प्रतिष्ठा और एश्वर्य की अभीव्रुद्धी होती है.
विश्वामित्र जी ने साधना के प्रारंभ मे लिखा है की "चाहे भगवान शिव का त्रिशूल निरस्त हो जाये,चाहे श्री हरी का सुदर्शन चक्र निस्तेज हो जाय और चाहि ब्रम्हा का ब्रम्हास्त्र असफल हो जाये,पर इस साधना का फल व्यर्थ नही होता.
आपका विश्वास ही आपकी सफलता है,इसलिये पूर्ण विश्वास के साथ साधना संपन्न करे.
आदेश.....
श्री गुरूचरणकमलेभ्यो नम: