मोहिनी मंत्र:-
ॐ नमो आदेश गुरु का ।
मोहिनी मोहिनी कहा चली । बाहर खुदाई काम कन चली । फलानी फलाने को देखै,जरै मरै
। मेरे को देखकर पायन पडै । छु मंत्र काया ,आदेश ,गुरु की शक्ती ,मेरी भक्ति ,फूरो मंत्र ईश्वरो वाचा ॥
ये मंत्र आज तक कभी खाली नही गया सिर्फ इससे काम लेने का ग्यान सही होना चाहिये,
2 मोहिनी वशीकरण शाबर मंत्र :
तेल तेल महा तेल! देखूं री मोहिनी तेरा खेल,
लौंग लौंगा लौंगा,बैर एक लौंग मेरी आती पाती ,दूसरी लौंग दिखाए छाती,
रूठी को मना लाए ,बैठी को उठा लाए ,सोती को जगा लाए ,चलती फिरती को लेवा लाए,
आकास की जोगनी,पताल का सिद्व ,
''''जिसको वश में करना हो'''' को लाग लाग री मोहिनी ,
तुझे भैरों की आन!!!
प्रयोग विधि:
यह वशीकरण मोहिनी शाबर प्रयोग है!आपको बस इतना करना है की किसी भी रविवार से इस प्रयोग को शुरू करें!रात 12 बजे यह प्रयोग करें!दिशा उत्तर और आसन लाल रंग का उत्तम है!दो साबुत फूलवाली लौंग अपने पास रखें !गूगल या लौबान की अगरबत्ती जलाएं और दीया सरसों के तेल का जलाएं !अपने पास पांच रंग की मिठाई और पांच गुलाब के फूल रखें!रोजाना 41 बार यह मंत्र पढ़े और जहाँ ''''जिसको वश में करना हो'''' लिखा हैं वहां जिसको वश में करना हो उसका नाम लें फिर दोनों लौंग पर फूंक मारें!ऐसा आपको 7 दिनों तक करना हैं!हर दिन 41 बार मंत्र को जप कर उन्ही लौंगो पर फूंक मारनी हैं!आपको रोज़ नए गुलाब के पांच फूल और नयी पांच रंग की मिठाई रखनी होगी!अब जब 7 दिन हो जाए तो आप उन दोनों लौंगो को अपने पास संभाल कर रख लें और जिसके नाम से यह मंत्र आपने पढ़ा हैं उसकी पीठ पर मारें!बसआपका काम हो जाएगा !प्रयोग के बाद मिठाई और फूल किसी नदी में परवाह कर दें !
नोट:ज्यादातर लोग यह सोचते हैं की हमने प्रयोग कर दिया है तो अब हमे कुछ करने की ज़रुरत ही हैं!हमारा प्यार हमारे पास खुद आ जायेगा तो भाई किसी भी वशीकरण प्रयोग से आप अपने प्यार के मन में अपने लिए प्रेम पैदा कर सकते हैं!इसके बाद आपको उनसे मिलना ज़रूरी होता हैं!क्यूंकि जब आप तो ही वे प्रेम की भावना मन में और मजबूत होगी और वे खुद आपके प्रभाव में आ जायेंगे !इसलिए उनसे मिलो और प्रभाव देखो!जय सदाशिव शंकर महाराज की जय हो!
Ruthi hui stri ka vashikaran रूठी हुई स्त्री का वशीकरण मन्त्र
“मोहिनी माता, भूत पिता, भूत सिर वेताल। उड़ ऐं काली ‘नागिन’ को जा लाग। ऐसी जा के लाग कि ‘नागिन’ को लग जावै हमारी मुहब्बत की आग। न खड़े सुख, न लेटे सुख, न सोते सुख। सिन्दूर चढ़ाऊँ मंगलवार, कभी न छोड़े हमारा ख्याल। जब तक न देखे हमारा मुख, काया तड़प तड़प मर जाए। चलो मन्त्र, फुरो वाचा। दिखाओ रे शब्द, अपने गुरु के इल्म का तमाशा।”
विधि- मन्त्र में ‘नागिन’ शब्द के स्थान पर स्त्री का नाम जोड़े। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से 8 दिन पहले साधना प्रारम्भ करे। एक शान्त एकान्त कमरे में रात्रि मे १० बजे शुद्ध वस्त्र धारण कर कम्बल के आसन पर बैठे। अपने पास जल भरा एक पात्र रखे तथा ‘दीपक’ व धूपबत्ती आदि से कमरे को सुवासित कर मन्त्र का जप करे। ‘जप के समय अपना मुँह स्त्री के रहने की स्थान / दिशा की ओर रखे। एकाग्र होकर घड़ी देखकर ठीक दो घण्टे तक जप करे। जिस समय मन्त्र का जप करे, उस समय स्त्री का स्मरण करता रहे। स्त्री का चित्र हो, तो कार्य अधिक सुगमता से होगा। साथ ही, मन्त्र को कण्ठस्थ कर जपने से ध्यान केन्द्रित होगा। इस प्रयोग में मन्त्र जप की गिनती आवश्यक नहीं है। उत्साह-पूर्वक पूर्ण संकल्प के साथ जप करे, सफलता जल्दी ही आपके कदम चूमेगी और कितनी भी कठोर ;दिल क्यों ना हो आपकी और खींची चली आएगी
agar koi mantra ka durpayog karega wo bahut hi kasta payega jeevan me es liye es ka proyog soch samajh kar hi kare jay gurudev ye sirf aapni premika ya aapni patni ya koi bhi jo ruth jaye use manane ke liye hai na ki es ka durpyog ke liye bana hai?