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आकर्षण ही प्रेम है वशीकरण ही प्रेम है, समोहन ही प्रेम है akarshan mantra sadhana Vigyan Prayog

आकर्षण ही प्रेम है वशीकरण ही प्रेम है, समोहन ही प्रेम है akarshan mantra sadhana Vigyan Prayog

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आकर्षण ही प्रेम है वशीकरण ही प्रेम है, समोहन ही प्रेम है, 
ॐ गुं गुरूभ्यो नमः 
ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरूभ्यो नमः 
गुरु भगवान की कृपा आप सभी पर सदा बनी रहे । 
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो योनः प्रचोदयात् ।

तो सवाल यह उठता है कि आकर्षण की शक्ति है क्या ? आकर्षण की शक्ति दरअसल प्रेम की शक्ति है ! आकर्षण ही प्रेम है | जब आप अपने प्रिय पकवान के प्रति आकर्षण महसूस करते हैं, तो वास्तव में आप उस पकवान के प्रति प्रेम महसूस करते है ; आकर्षण नहीं होता, तो आपको कुछ भी महसूस नहीं होता | तब आपके लिए सारे पकवान एक जैसे ही होते | तब आप यह नहीं जान पाते कि आप किस चीज से प्रेम करते हैं और किससे नहीं करते, क्योंकि आप किसी भी चीज के प्रति आकर्षित नहीं होते | आप किसी ख़ास व्यक्ति, शहर, मकान, कार, खेल, नौकरी, संगीत, पोशाक या अन्य चीज के प्रति आकर्षित नहीं होते, क्योंकि आकर्षण की शक्ति द्वारा ही आप प्रेम महसूस करते हैं !
“ इसे आकर्षण का नियम कह लें या प्रेम का नियम ... वे दोनों एक ही हैं |

आकर्षण का नियम ही प्रेम का नियम है | यही सर्वशक्तिमान नियम असंख्य आकाशगंगाओ से लेकर अणुओं तक हर चीज को सामंजस्य में रखता है | यह ब्रह्मांड की हर चीज में सक्रिय है और हर चीज को संचालित करता है | और यह नियम आपके जीवन में भी सक्रिय है |

सार्वभौमिक सन्दर्भ में आकर्षण का नियम यह कहता है कि : समानता से समानता आकर्षित होती है | आपके जीवन के सन्दर्भ में सरल शब्दों में इसका अर्थ यह है कि : आप जो देते हैं, वही आपको वापिस मिलता हैं | आप जीवन में जो देते हैं, वही आपको जीवन में मिलता है | आप जो भी देते हैं , आकर्षण के नियम द्वारा उसे ही अपनी ओर आकर्षित करते हैं |
" हर क्रिया की समान और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है | "
१. आकर्षण का नियम जीवन का महान रहस्य है।
२. आकर्षण का नियम कहता है कि समान चीज़े समान चीज़ो को आकर्षित करती है इसलिए जब आप एक विचार सोचते है , तो आप उसी जैसे अन्य विचारो को अपनी ओर आकर्षित करते है।
३. विचार चुंबकीय है और हर विचार की एक फ्रीक्वेंसी होती है। जब आपके मन मे विचार आते है, तो वे ब्रह्मांड मे पहुचते है और चुंबक की तरह उसी फ्रीक्वेंसी वाली सारी चीज़ो को आकर्षित करते है। हर भेजी गयी चीज़ आप तक लौट कर आती है।
४. आप मानवीय ट्रांसमिशन की तरह है और अपने विचारो से फ्रीक्वेंसी प्रसारित कर रहे है। अगर आप अपनी जिंदगी मे कोई चीज़ बदलना चाहते है, तो अपने विचार बदल कर फ्रीक्वेंसी बदल ले।
५. आपके वर्तमान विचार आपके भावी जीवन का निर्माण कर रहे है। आप जिसके बारे मे सबसे ज़्यादा सोचते है या जिस पर सबसे ज़्यादा ध्यान केंद्रित करते है, वह आपकी जिंदगी मे प्रकट हो जाएगा ।
६. आपके विचार वस्तु बन जाते है ।

ऐसे नियम जानने और बताने की कोशिश की है जो कि तय करते हैं कि हम किसी व्यक्ति विशेष के प्रति आकर्षित क्यों होते हैं? ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोग हमें बहुत आकर्षक लगते हैं, लेकिन अन्य बहुत से लोगों के लिए हममें आकर्षण की कोई भावना पैदा नहीं होती, कोई भाव पैदा नहीं होता है। 
देने की हर क्रिया पाने की प्रतिक्रिया उत्पन्न करती है | आपने जो चीज दी है, उसी के समान चीज आपको मिलती है | आप जीवन में जो भी देते है, वह आपकी और अवश्य लौटता है | यही सृष्टि का भौतिक शास्त्र है ; यही सृष्टि का गणित है |

अगर आप सकारात्मकता देते है, तो बदले में आपको सकारात्मक चीजें मिलती हैं | अगर आप नकारात्मकता देते हैं, तो आपको बदले में नकारात्मक चीजें मिलती है | सकारात्मकता देंगे, तो अच्छी चीजों से भरा जीवन मिलेगा | नकारात्मकता देंगें, तो बुरी चीजों से भरा जीवन मिलेगा | तो सवाल यह उठता है कि आप सकारात्मकता या नकारात्मकता देते कैसे हैं ? इसका जवाब सरल है : अपने विचारों और भावनाओं द्वारा !

हर पल या तो आप सकारात्मक विचार दे रहें हें या फिर नकारात्मक विचार दे रहे हैं | आप या तो सकारात्मक भावनाएं दे रहे हैं या फिर नकारात्मक भावनाएं दे रहे हैं | और वे सकारात्मक हैं या नकारात्मक, इसी से तय हो जाता है कि आपको जीवन में क्या मिलता है | आपके जीवन में जो लोग, परिस्थितियाँ और घटनाएँ आती हैं, वे आपके विचारों और भावनाओं द्वारा ही आपके ओर आकर्षित होती हैं | जीवन में कुछ भी संयोगवश नहीं होता | आप जो देते हैं, उसी के आधार पर आपको जीवन में हर चीज मिलती है |

'' दोगे, तो तुम्हें भी दिया जाएगा... क्योंकि तुम्हारे पैमाने के हिसाब से ही तुम्हें प्रतिदान मिलेगा | ''

आप जो देते हैं - वाही पाते हैं | मकान बदलने वाले किसी दोस्त की मदद करेंगें, तो निश्चित तौर पर आप को भी बिजली की गति से मदद मिलने लगेगी | परिवार के किसी सदस्य पर क्रोधित होंगे, तो वह क्रोध आपके जीवन की नकारात्मक परिस्थितियों के रूप में आपकी ओर लौटेगा |

आप अपने विचारों और भावनाओं से अपने जीवन का सृजन कर रहे हैं | आप जो भी सोचते हैं और महसूस करते हैं, उसी से आपके जीवन की हर घटना, हर परिस्थिति, हर अनुभव का निर्माण होता है | यदि आप यह सोचते हैं और महसूस करते हैं कि, '' आज का दिन बहुत मुश्किल और तनावपूर्ण होगा '', तो आप अपनी ओर ऐसे लोगों, परिस्थितियों और घटनाओं को आकर्षित करेंगे, जिनकी वजह से आपका दिन सचमुच मुश्किल और तनावपूर्ण बन जाएगा |

दूसरी ओर, यदि आप सोचते हैं कि, '' मेरा जीवन बेहतरीन है ", तो आप ऐसे लोगों, परिस्थितियों और घटनाओं को आकर्षित करेंगे, जो आपके जीवन को सचमुच बेहतरीन बना देंगे | 
Mantra Tantra Yantra Vigyan Gurudev Dr. Narayan Dutt Shrimalijihttp://www.mtyvedu.magicbookers.com/

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