अन्न वृद्धि प्रयोग
मित्रो यह प्रयोग आप किसी दिन कर सकते
है।सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावी है।इस प्रयोग से साधक के घर मे कभी भी
अन्न आदी की कमी नही आती है तथा आय के मार्ग खुलते है।
स्नान कर उत्तर
की और मुख कर बैठ जाये,आसन आदि का कोइ बधंन नही है।अब एक पानी वाला नारीयल
लिजिये,और उस पर सिंदुर से आँख नाक तथा पुरा मुख बनाए।अब उसे स्वच्छ भुमी
पर दिवाल से टिकाकर सिधा खड़ा कर दे,और उस चेहरे की ओर देखते हुए निम्न
मंत्र का १५१ बार जाप करे,तथा जाप के बाद नारीयल को रसोई अथवा भंडार गृह मे रख दे।ईश्वर कृपा से आपके घर मे कभी अन्न की कमी नही होगी।
मंत्र
ओम नमो गुप्त वीरमंजन सबको ठाय ही तेरी आन,गंगा की लहर जमुना की प्रवाण या
कुठार,राजा भण्डार राजा प्रजा लागे है, पाँच राती ऋद्धि लाओ तो नवनाथ
चौरासी आदि का पात्र भरो, हमरा जो पात्र ना भरो तो पार्वती का क्षीर चोखा
हराम करो।
मंत्र मे कोई फेर बदल ना करे।