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शनि प्रदोष व्रत shani pradosh vrat

शनि प्रदोष व्रत shani pradosh vrat

आज का विचार:-आप स्वयं विचार करें कि आपकी आदतों में कौन- सी आदत सबसे बुरी है, बस उस आदत को छोड़ने का हर संभव प्रयास करें|अपने घर में नित्य पूजन अवश्य करें, यह पूजन केवल धूप- दीप से भी हो सकता है| पांच मिनट के लिए ही करें लेकिन अवश्य करें|
वारामिहिर वचन 
 ऋषि चिंतन 
उन्नति की ओर बढ़िए
दिनांक-26 नवम्बर 2016 आज प्रात: शनि मंत्र जप करें एवं गाय और कुत्ते को रोटी अवश्य खिलाएं|
मंत्र:-
"ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:"

गुरूवाणी
चलो मेरे साथ बढ़ाते हुए कदम
अमृत प्रवाह हो हर कदम
विशेष- द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
स्कंद पुराण के अनुसार द्वादशी के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।
हर कार्य में सफलता पाने के लिए
भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से कई लाभ मिलते हैं। कुछ वस्तुएं भगवान शिव को प्रिय मानी जाती हैं, यदि घर के इन 8 अलग-अलग हिस्सों में ये 8 चीजें रखी जाए तो निश्चित रूप से शिव की विशेष कृपा मिलती है और हर काम का दोगुना फल प्राप्त होता है।
भस्म
भस्म भगवान शिव की सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक है।घर के मंदिर में भस्म रखने से भगवान शिव की विशेष कृपा मिलती है और घर-परिवार की पैसों से जुड़ी हर परेशानी खत्म हो जाती है ।
रुदाक्ष
रुदाक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसू से ही मानी जाती है । इसे घर के मुखिया के कमरे में रखने से कई तरह के लाभ मिलते हैं ।
गंगा जल
भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में स्थान दिया था, जिसके कारण घर के किचन में गंगा जल रखने से घर में तरक्की और सफलता बनी रहती है ।
चांदी या तांबे का त्रिशूल
घर के हाॅल में चांदी या तांबे के त्रिशूल की स्थापना करने से घर पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव असर नही करता ।
पानी से भरा तांबे का लोटा
घर के जिस हिस्से में सदस्य सबसे ज्यादा समय बिताते हों, वहां तांबे के लोटे में पानी भरकर रखें घर में हमेशा प्रेम और विश्वास बना रहता है ।
डमरु
घर में बच्चों के कमरे में डमरु रखने से बच्चों पर किसी तरह की नेगेटिव एनर्जी का प्रभाव नहीं पड़ता और उन्हें हर काम में सफलता मिलती है ।
चांदी या तांबे के नंदी
जिस तरह घर में चांदी की गाय रखने का महत्व है, उसी तरह चांदी के नंदी को घर की उस अलमारी या तिजोरी में रखना चाहिए, जिसमें पैसे-ज्वेलरी रखी जाती हो।
चांदी या तांबे का नाग
नाग भगवान शिव का अभिन्न अंग माना जाता है । घर के मेन गेट के आस-पास चांदी या तांबे के नाग रखने से कामों में आ रही रुकावटें खत्म हो जाती है ।
शनि प्रदोष व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से हर सुख की प्राप्ति संभव है। यह व्रत प्रत्येक माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। विभिन्न वारों के साथ यह व्रत विभिन्न योग भी बनाता है। इस बार ये व्रत शनिवार (26 नवंबर) को होने से शनि प्रदोष का योग बन रहा है। पुराणों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। इस दिन यदि शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य दूर होता है।
 ये है शनि प्रदोष व्रत की विधि
प्रदोष व्रत में बिना जल पिए व्रत रखना होता है। सुबह स्नान करके भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची चढ़ाएं। शाम के समय पुन: स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें।
शिवजी का षोडशोपचार पूजा करें, जिसमें भगवान शिव की सोलह सामग्री से पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। आठ बार दीपक रखते समय प्रणाम करें। शिव आरती करें। शिव स्त्रोत, मंत्र जाप करें। रात्रि में जागरण करें।
इस प्रकार समस्त मनोरथ पूर्ति और कष्टों से मुक्ति के लिए व्रती को प्रदोष व्रत के धार्मिक विधान का नियम और संयम से पालन करना चाहिए।
एकोहि शास्त्रं निखिल मंत्र विज्ञानं
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