॥ श्री निखिल शाबर तन्त्र प्रयोग ॥
शाबर मन्त्र गुरु की आन, बान और शान पर चलते है । इनकी कोई काट नहीँ है ये तो परिणाम देँगे ही । गुरु तो शिष्य की सुनता ही है । नीचे लिखे मन्त्र स्वयं सिद्ध हैँ बस साधक को गुरु मे सम्पूर्ण विव्श्रास हो उसके लिए गुरु और शिव मे कोई फर्क न हो । उसने गुरु मन्त्र का कम से कम सवा लाख मन्त्र जाप किया हो तत्पश्र्चात गुरु चित्र के सामने अगर वह इन मन्त्रो का जाप करता है तो परिणाम दौडे चले आयेँगे । ॥ हनुमान दर्शन ॥ निम्न मंत्र का अनुष्ठान मंगल या शनिवार से प्रारम्भ करेँ । हनुमान जी को सिन्दूर का चोला, जनेऊ, लंगोट, दो लड्डू और ध्वजा चढावेँ । इसके बाद प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखेँ । लाल वस्त्र धारण करेँ तथा लाल चन्दन की माला से जपादि कर्म करें । शनिवार को चने तथा गुड का दान करेँ । इस मंत्र की 10 मालायें प्रतिदिन जपेँ । यह कर्म 90 दिन करेँ । सदा पवित्र रहेँ । हनुमान जी के निश्र्चित दर्शन होगे ।
मन्त्र -- ॐ नमो आदेश निखिलका । ॐ हनुमान पहलवान वर्ष बारहा का जवान । हाथ मेँ लड्डू मुख मे पान । आओ बाबा हनुमान । न आओ तो दुहाई महादेव गौरा पार्वती की । शब्द साँचा । पिण्ड काँचा । फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा । ॐ नमो आदेश गुरु को । ॥ सम्पूर्ण सुरक्षा के लिए ॥ ॐ नमो आदेश निखिल का । ॐ नमः वज्र का कोठा । जिसमेँ पिँड हमारा पेठा । ईश्वर कुञ्जी । ब्रह्मा का ताला । मेरा आठोँ यम का यती हनुमन्त रखवाला । ॐ नमो आदेश गुरु को ।
यह मन्त्र अभी तक तांत्रिको मेँ पूर्ण सम्मान के साथ प्रयोग किया जा रहा है । इसे 3 बार पढने से पूर्ण सुरक्षा होती है । उपरोक्त मंत्रोँ को पूर्ण ह्रदय के साथ उच्च स्वर मेँ वीर भाव के साथ पढना चाहिए एवं मन मस्तिष्क पूर्ण एकाग्रता के साथ गुरु पर केन्द्रित रखना चाहिए । जय निखिलेश्वर , जय तन्त्रेश्वर