श्री लक्ष्मीविनायक मंत्र साधना. - धन मनुष्य की सर्वप्रथम आवश्यकता आदिकाल से रही है।धन कमाने के लिए मनुष्य निरंतर कोशिश करता रहता है। चारों पदार्थ अर्थ-धर्म-काम-मोक्ष में अर्थ को प्रथम रखने का कारण ही यह है कि अर्थ से यानी कि धन से बाकी के पदार्थों को पाने में अर्थ की प्रधान भूमिका रही है। लक्ष्मी विनायक धन तथा बुद्धि के अधिष्ठाता देवता हैं। इनकी साधना से धन की कमी दूर की जा सकती है।
विनियोग :-
ll ओम अस्य श्री लक्ष्मी विनायक मंत्रस्य
अंतर्यामी ऋषि:गायत्री छन्द:
श्री लक्ष्मी विनायको देवता श्रीं बीजं
स्वाहा शक्ति: सर्वाभीष्ट सिद्धये जपे
विनियोग:।
करन्यास -
ओम श्रीं गां अंगुष्ठाभ्यां नम:।
ओम श्रीं गीं तर्जनीभ्यां नम: l
ओम श्रीं गूं मध्यमाभ्यां नम:।
ओम श्रीं गैं अनामिकाभ्यां नम:
ओम श्रीं गौं कनिष्ठकाभ्यां नम:।
ओम श्रीं ग: करतलकरपृष्ठाभ्यां नम:।
अंगन्यास-
ओम श्रीं गां हृदयाय नम:।
ओम श्रीं गीं शिरसे स्वाहा।
ओम श्रीं गूं शिखायै वषट्।
ओम श्रीं गैं कवचाय हुम्।
ओम श्रीं गौं नेत्रत्रयाय वौषट्।
ओम श्रीं ग: अस्त्रायं फट्।
ध्यान:-
दन्ताभये चक्रदरौदधानं कराग्रगस्वर्णघटं
त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिंगितमब्धिपु˜या लक्ष्मीगणो
शं कनकाभमीडे ।।
मंत्र :-
ll ओम श्रीं गं सौम्याय गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा ll
रोजगार प्राप्ति हेतु शनिवार से 21 माला जाप 11 दिनो तक करे,व्यवसाय व्रुद्धी हेतु बुधवार से 11 माला जाप रोज करे,स्मरणशक्ती के व्रुद्धी हेतु सोमवार से 5 माला जाप 21 दिनो तक करे.कर्ज से मुक्ती हेतु मंगलवार से 21 माला जाप 21 दिनो तक जरुरी है.
साधना का समय सुबह 4:24 से 7 बजे तक शुभ है,दिशा-पूर्व,आसन और वस्त्र शुद्ध होने चाहिये,माला लाल हकिक या मूँगा की हो,लक्ष्मीविनायक चित्र भी स्थापित करे.