सियार सिंगी पर वशीकरण
वशीकरण का मतलब होता है किसी को अपने अनुकूल कर लेना . अगर प्रेमी यां प्रेमिका का मन बदल गया हो , कोई अधिकारी आपके विरोध में कार्य कर रहा हो, परिवार में कोई सदस्य गलत रास्ते पर जा रहा हो तो वशीकरण प्रयोग से उसका मन बदला जा सकता है.पति- पत्नी में अगर कलह रहती हो तो वशीकरण से आपस में विवाद ख़तम किये जा सकते हैं .
शुकरवार के दिन जिस को अपने अनुकूल करना हो उसका नाम कुमकुम से स्टील की प्लेट पर लिखें , अगर उसका चित्र हो तो नाम के ऊपर उसका चित्र रख दें . अब इसके ऊपर सियार सिंगी को स्थापित करें . सियार सिंगी पर केसर का तिलक लगायें. अब इस पर चावल और पुष्प चढ़ा दें. इसके बाद इसपर हिना की इत्र लगायें . मिठाई का भोग अर्पित करें.
अब निम्न मंत्र का जप १०८ बार करें
बिस्मिलाह मेह्मंद पीर आवे घोढ़े की असवारी , पवन को वेग मन को संभाले, अनुकूल बनावे , हाँ भरे , कहियो करे , मेह्मंद पीर की दुहाई , सबद सांचा पिण्ड काचा फुरो मंत्र इश्वरो वाचा.
इस प्रकार मात्र ११ दिन तक करें . ११ दिन के बाद सियार सिंगी को चित्र के साथ किसी लाल कपडे में बांध कर रख ले. जब तक वह चित्र सियार सिंगी के साथ बंधा रहेगा वोह व्यक्ति आपके अनुकूल रहेगा .
इस प्रयोग को आजमाने के लिए नहीं करना चाहिए. जब कोई और चारा ना बचे तब इसको करें . ११ दिन के बाद मात्र २१ बार इस मंत्र का जप इसके सामने करते रहना चाहिए ताकि अनुकूलता बनी रहे .
वशीकरण का मतलब होता है किसी को अपने अनुकूल कर लेना . अगर प्रेमी यां प्रेमिका का मन बदल गया हो , कोई अधिकारी आपके विरोध में कार्य कर रहा हो, परिवार में कोई सदस्य गलत रास्ते पर जा रहा हो तो वशीकरण प्रयोग से उसका मन बदला जा सकता है.पति- पत्नी में अगर कलह रहती हो तो वशीकरण से आपस में विवाद ख़तम किये जा सकते हैं .
शुकरवार के दिन जिस को अपने अनुकूल करना हो उसका नाम कुमकुम से स्टील की प्लेट पर लिखें , अगर उसका चित्र हो तो नाम के ऊपर उसका चित्र रख दें . अब इसके ऊपर सियार सिंगी को स्थापित करें . सियार सिंगी पर केसर का तिलक लगायें. अब इस पर चावल और पुष्प चढ़ा दें. इसके बाद इसपर हिना की इत्र लगायें . मिठाई का भोग अर्पित करें.
अब निम्न मंत्र का जप १०८ बार करें
बिस्मिलाह मेह्मंद पीर आवे घोढ़े की असवारी , पवन को वेग मन को संभाले, अनुकूल बनावे , हाँ भरे , कहियो करे , मेह्मंद पीर की दुहाई , सबद सांचा पिण्ड काचा फुरो मंत्र इश्वरो वाचा.
इस प्रकार मात्र ११ दिन तक करें . ११ दिन के बाद सियार सिंगी को चित्र के साथ किसी लाल कपडे में बांध कर रख ले. जब तक वह चित्र सियार सिंगी के साथ बंधा रहेगा वोह व्यक्ति आपके अनुकूल रहेगा .
इस प्रयोग को आजमाने के लिए नहीं करना चाहिए. जब कोई और चारा ना बचे तब इसको करें . ११ दिन के बाद मात्र २१ बार इस मंत्र का जप इसके सामने करते रहना चाहिए ताकि अनुकूलता बनी रहे .