जीवन को ऊंचा उठाने व साधना पथ पर अग्रसर होने के लिए 6 अनिवार्य साधनाएं
6 essential practices to elevate life and move forward on the path of spiritual practice


गुरु साधना प्रत्येक व्यक्ति व साधक के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी एक इमारत के लिए नीव की आवश्यकता होती है क्योंकि जिस प्रकार बिना मजबूत नीव के इमारत का निर्माण नहीं हो सकता उसी प्रकार बिना गुरु साधना किए साधक के जीवन में साधना रूपी इमारत का निर्माण नहीं हो सकता है इसलिए प्रत्येक साधक को अपने जीवन में कम से कम 5.25 लाख गुरुमंत्र साधना व नित्य 16 माला गुरु मंत्र जप आवश्य करना ही चाहिए ।


प्रत्येक व्यक्ति व साधक के जीवन में नवग्रह का प्रभाव किसी ना किसी प्रकार से पड़ता ही है नवग्रह के कारण ही महाज्ञानी रावण का मूल नाश हों गाया था। जब नवग्रह की किसी पे कू दृष्टि पड़ती तब वह राजा को भी रंक बना देते है। ग्रहो के कारण हमारे व्यापार में मंदी आती है हमारा व्यापार चल नहीं पता , हमें नौकरी नहीं मिल पाती, हम जितनी मेहनत करते है उतना हमे फल नहीं मिल पाता , नवग्रह के कारण ही हमें साधना में सीधी नहीं मिल पाती इसलिए प्रत्येक साधक को नवग्रह की साधना संपन करके नवग्रह देव को प्रसन्न करना चाहिए ताकि हमारा जीवन सरल व सुगम बन सके और साधनाओं में सफलता प्राप्त हो सके।


प्रत्येक व्यक्ति व साधक पर पितृदोष होता ही है पितृदोष 4 प्रकार के होते है, पितर ऋण, मात्र ऋण , देव ऋण और सामाजिक ऋण इन सभी ऋण व दोषों से मुक्ति हेतु हमे पितृदोष निवारण साधना करनी चाहिए। यह दोष व्यक्ति को अनेक प्रकार से प्रभावित करते है जैसे घर में कलेश , मानसिक तनाव , व्यापार में घटा आदि जिस कारण से व्यक्ति सारा जीवन इन सभी दिक्तो से जूझता रहता है और वह व्यक्ति ना तरकी कर पाता और ना उसका मन साधना में लगता इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को पितृदोष निवारण साधना आवश्य करनी चाहिए और इन सभी दोषों से मुक्त होकर साधना पथ पर अग्रसर होना चाहिए।


लक्ष्मी साधना भी प्रत्येक व्यक्ति व साधक को करनी चाहिए क्योंकि बिना लक्ष्मी के ना खान पान होता न वैभव होता बिना लक्ष्मी के साधना नहीं होती साधना सामग्री नहीं मिल पाती इसलिए लक्ष्मी साधना आवश्यक है क्योंकि लक्ष्मी साधना करके साधक के भाग्य में जो लक्ष्मी का अभाव होता वह दूर हो जाता है व साधक का भाग्योदय होता साधक के जीवन में लक्ष्मी का आगमन होता है चाहें वो धन से हो , वैभव से हो , या लक्ष्य से हो लक्ष्मी का तातप्रय केवल धन नहीं होता अपितु लक्ष्य भी होता की हमारे जीवन का क्या लक्ष्य है हमारा जन्म का उदश्य क्या है और हमें किस पथ पर अग्रसर होना चाहिए इसलिए साधक को लक्ष्मी साधना भी करनी चाहिए। 5.वशीकरण साधना
हर व्यक्ति को वशीकरण साधना भी करनी चाहिए ताकि वह समाज पर व्यक्ति पर व सयम पर वशीकरण कर अपना प्रभाव जमा सके , लोगो को आकर्षित कर सके , जो वह बोले लोग उसकी बात सुने और माने , जो साधक वशीकरण साधना करता है उस साधक का समाज में अलग ही रुतबा होता है वशीकरण साधना से हम देवताओं को भी वश में कर सकते हैं और उनसे अपनी बात मनवा सकते है ( यह सदगुरुदेव के वचन है )


साधक को जीवन में बगलामुखी साधना भी आवश्य करनी चाहिए ताकि उस साधक को बल मिले , वह अपने शत्रुओं को परास्त कर सके शत्रु का नाश कर सके और सदेव विजय प्राप्त करे। बगलामुखी साधक सदेव निर्भीक जीवन व्यापन करता है और उस साधक को कोई प्रास्त नही कर सकता चाहे पुलिस केस हो या कोर्ट केस हो बगलामुखी साधक सदेव विजयी रहता है ऐसे साधक पर कभी तंत्र प्रयोग व मारण प्रयोग नहीं हो सकता है।
( जो साधक यह 6 साधना कर लेता है वह सभी दिक्तों व समस्याओं को पीछे छोड़ते हुए साधना के पथ पर अग्रसर होता है और उसका जीवन सरल और सुगम हो जाता है )