आसन सिद्धि
सर्वप्रथम सद्गुरु पूजन कर उनके सम्मुख नतमस्तक होकर सफलता का आशीष ले. फिर निम्न मन्त्र का ११ बार जप करे.
ॐ आः सुरेखे वज्रे रेखे हूं फट स्वाहा
फिर अपने आसान से उठकर आसान हटा कर आसान के निचे एक त्रिकोण कुमकुम से बनाए. जिसका शीर्ष सामने की और हो. फिर आसन को पुनः बिछाकर आसान पर जल छिडके और साथ में इस मंत्र का जप करे.
ॐ पृथ्वी त्वया धृता लोका देवित्वं विष्णुना धृता.
त्वंच धारय माँ देवी पवित्रं कुरु चासनम्
इसके बाद निम्न एक एक मन्त्र का जप करते हुए जल छिडके.
ओम पृथ्वीये नमः
ओम अनंताय नमः
ओम कूर्माय नमः
ओम विमलाय नमः
ओम योगपीठाय नमः
इसके बाद आसान पर जो जल गिरा हुआ हे उसे अपनी तर्जनी से मस्तक पर स्पर्श कर पुनः आसान पर बैठ जाए.
रोज पूजा करते वक़्त ये क्रिया करे तो भी चलता हे
(में रोज करता हु, और इसका लाभ भी हुआ है)