POWER OF TANTRIK SADHANA
तंत्र क्या है, तंत्र विज्ञान के फायदे, What is Tantra in hindi - तंत्र को ज्यादातर लोग या तो अंधविश्वास मानकर नकार देते हैं, या फिर कोई डरावनी चीज़ मानकर उससे दूर रहने की सलाह देते हैं। लेकिन यह एक विज|्ञान है, जीवन की प्रत्येक क्रिया तन्त्रोक्त क्रिया है॰यह प्रकृति,यह तारा मण्डल,मनुष्य का संबंध,चरित्र,विचार,भावनाये सब कुछ तो तंत्र से ही चल रहा है;जिसे हम जीवन तंत्र कहेते है॰जीवन मे कोई घटना आपको सूचना देकर नहीं आता है,क्योके सामान्य व्यक्ति मे इतना अधिक सामर्थ्य नहीं होता है के वह काल के गति को पहेचान सके,भविष्य का उसको ज्ञान हो,समय चक्र उसके अधीन हो ये बाते संभव ही नहीं,इसलिये हमे तंत्र की शक्ति को समजना आवश्यक है यही इस ब्लॉग का उद्देश्य है.MTYV Sadhna Kendra
मंत्र सिद्धि के समय मंत्र जप की सही विधि | मंत्र साधना के नियम
Friday 6th of April 2018 04:53:13 PM
मंत्र सिद्धि के समय मंत्र जप की सही विधि | मंत्र साधना के नियम शास्त्रों के अनुसार मंत्र उच्चारण द्वारा देव आराधना शीघ्र फलदायी है | मंत्रों में साक्षात् देव का वास होता है | हिन्दू सभ्यता में प्राचीन काल से ही मंत्र द्वारा देव आराधना कर उन्हें प्रसन्न किया जाता ह...
प्राचीन भारतीय धार्मिक साहित्य के मुख्य दो भाग हैं
Friday 6th of April 2018 04:51:55 PM
*प्राचीन भारतीय धार्मिक साहित्य के मुख्य दो भाग हैं:* ???????????? *श्रुति स्मृति* *श्रुति :* *श्रुति का शाब्दिक अर्थ होता है - सुना हुआ। कुछ लोग श्रुति को गुरू-शिष्य परम्परा से जोड़कर देखते हैं क्योंकि शिष्य गुरू के सम्मुख बैठकर सीधे सुनता है।* *श्रुतियां ही मुख्य धर्मग्र...
होली : महाविद्या धूमावती साधना holi mahavidya sadhana dhumavati tantra badha nivaran proyog
Friday 2nd of March 2018 03:47:28 AM
होली : महाविद्या धूमावती साधना ********************************** धूमावती साधना समस्त प्रकार की तन्त्र बाधाओं की रामबाण काट है. यह साधना होली की रात्रि में की जा सकती है.दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए काले रंग के वस्त्र पहनकर जाप करें. जाप रात्रि ९ से ४ के बीच करें जाप के पहले तथा बाद मे गुरु म...
गुरु -गीता सदगुरुदेव निखिल shishya sandesh for guru geeta 11
Thursday 8th of February 2018 07:25:55 AM
।। ?।। ?"एकोहि शास्त्रं निखिल मंत्र विज्ञानं"? ?।। ॐ निं निखिलेश्वराय नम:।।? आरोग्यम्! आनन्दम्! ऐश्वर्यम्! आज की प्रार्थना लोकेशो हरिम्बिका स्मरहरो मातापिताऽभ्यागता, आचार्य कुल देवतायतिवरो वृद्धस्तथा भिक्षुकः। नैते यस्य त...
महाविद्या छिन्नमस्ता प्रयोग mahavidya Chinnamasta sadhna Prayog
Wednesday 17th of January 2018 02:14:12 PM
महाविद्या छिन्नमस्ता प्रयोग mahavidya chinnamasta sadhna prayog शोक ताप संताप होंगे छिन्न-भिन्न जीवन के परम सत्य की होगी प्राप्ति संसार का हर्रेक सुख आपकी मुट्ठी में होगा अपार सफलताओं के शिखर पर जा पहुंचेंगे आप जीवन मरण दोनों से हो जायेंगे पार "महाविद्या छिन्नमस्ता" एक बार देवी पार...
tara mahavidha sadhana proyog तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है ।
Wednesday 17th of January 2018 02:01:57 PM
तारा महाविद्या की साधना जीवन का सौभाग्य है । यह महाविद्या साधक की उंगली पकडकर उसके लक्ष्य तक पहुंचा देती है। गुरु कृपा से यह साधना मिलती है तथा जीवन को निखार देती है । यह प्रयोग साधक किसी भी शुभ दिन शुरू कर सकता है. साधक को यह प्रयोग रात्री काल में ही संपन्न करना चाहिए...
अंधकार से प्रकाश की ओर adhnkar se prkash ki aur
Wednesday 11th of October 2017 04:57:16 AM
अंधकार से प्रकाश की ओर अंधकार व्यापक है, रोशनी की अपेक्षा| क्योंकि अंधेरा अधिक काल तक रहता है, अधिक समय तक रहता है और रोशनी अधिक देर तक नहीं रहती| दिन के पीछे भी अंधेरा है रात का| दिन के आगे भी अंधेरा है रात का| माँ के गर्भ में भी अंधेरा है, जहाँ से हमारे शरीर की शुरुआत हुई औ...
वैराग्य meaning in english, वैराग्य meaning in hindi, वैराग्य के प्रकार वैराग्य in english,वैराग्य क्या है, What is the Meaning of Vairagya and type
Monday 11th of September 2017 11:40:37 AM
वैराग्य वैराग्य अर्थात् न ‘वैर’ हो न ‘राग’ हो। विषयों के साथ रहते हुए भी मन का उनसे लिप्त ना होना ही वैराग्य है. वैराग्य निम्नलिखित कारणों से होता है – * भय के कारण उत्पन्न वैराग्य – नरक के भय से संसार के विषयों से दूर हो जाने वाला वैराग्य * विचार के का...
shisya dharam ka palan
Saturday 2nd of September 2017 09:27:29 AM
प्रेम होता है इसके आगे स्वर्ग की सम्पदा भी फीकी है प्रत्येक शिष्य को हर हाल में गुरु को प्रसन्न रखना चाहिए क्योकि हरी रूठे तो ठौर है गुरु रूठे नहीं ठौर अगर हरी रूठ जाते है तो गुरु हरी को मना सकता है मगर गुरु नाराज हो जाने पर हरि भी गुरु को नहीं मना सकते इसलिए श...
Prem kay hai, प्रेम क्या है ?, प्रेम ताे जीवन है, सम्पूर्ण हृदय है, पूर्णतः समाधि है, प्रेम ताे पृथ्वी है
Wednesday 30th of August 2017 12:13:59 PM
प्रेम क्या है ? प्रेम ताे जीवन है, सम्पूर्ण हृदय है, पूर्णतः समाधि है, प्रेम ताे पृथ्वी है, झिलमिलाता हुवा सत्य का सूत्र है, मानसराेवर कि अथाह गहराइ है, हिमालयका सर्वाेच्च शिखर "गाैरि शंकर "है । पर नहीं , ईन सब उपमाअाैं से प्रेम काे परिभाषित नहीं किया जा सकता है,...