*?मनचाहा वर प्राप्ति हेतु?*
*।।ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं।।*
मंत्र का जप १०८ बार करें और बेल फल चढायेँ ...!इसे रात्रि मे तीन बार करे तो कन्या को मनचाहा वर मिलेगा ही इसमे कोई संशय नही है।
*?मनचाही पत्नी प्राप्ति हेतु?*
*।।ह्रीं ॐ नमः शिवाय ह्रीं।।*
मन्त्र का १०८ बार रात्रि के तीनों प्रहर में तीन बार रात्रि को जप करते हुये अमृता या गिलोय से आहूति को पलाश की समिधा से देते रहे।
ऐसा करने से लड़के को मनचाही पत्नी मिलती ही है।
*?मनचाहा प्रेम की प्राप्ति हेतु?*
*।।क्लीं ॐ नमः शिवाय क्लीं।।*
मन्त्र का १०८ बार जप रात्रि मे तीन बार करने तीन-तीन दूर्वा एक बार में प्रयोग करते हुये बेल की समीधा से हवन करने पर प्रेम करने वाले को मनचाहा प्रेम मिलता ही है,ना विश्वास हो तो एक बार करके देखिये आपका प्यार पति या पत्नी बनकर जीवन मे आ जायेगा।
*?विवाह मे देरी होने पर यह प्रयोग करे:-?*
?सामग्री:-
बेल का फल, तिल, खीर, सवा पाव घी,सवा पाव दूध,सवा पाव दही,१०८ दूर्वा,चार अंगुल बट की ५ लकडी,चार अंगुल पलाश की लकडी ५ पीस,चार अंगुल की खेर या कत्था की लकडी ५ पीस।
यह सब रात्रि मे शिव को अर्पित करे।
तीन बार रात्रि मे पूजन करे।
मंत्र इस पूजन मे जो होना चाहिए वो है:- *“ॐ नमो भगवते रुद्राय”।*
इसका जप १०८ बार,रात्रि में तीन प्रहार में करना चाहिए।
*?शिव गायत्री मंत्र?*
जातक को यदि जन्म पत्रिका में कालसर्प दोष,पितृदोष एवं राहु-केतु तथा शनि से पीड़ा है अथवा ग्रहण योग है जो जातक मानसिक रूप से विचलित रहते हैं।जिनको मानसिक शांति नहीं मिल रही हो,उन्हें भगवान शिव की गायत्री मंत्र से आराधना करनी चाहिए।क्योंकि कालसर्प,पितृदोष के कारण राहु-केतु को पाप-पुण्य संचित करने तथा शनिदेव द्वारा दंड दिलाने की व्यवस्था भगवान शिव के आदेश पर ही होती है। इससे सीधा अर्थ निकलता है कि इन ग्रहों के कष्टों से पीड़ित व्यक्ति भगवान शिव की आराधना करे तो महादेवजी उस जातक (मनुष्य) की पीड़ा दूर कर सुख पहुँचाते हैं। भगवान शिव की शास्त्रों में कई प्रकार की आराधना वर्णित है परंतु शिव गायत्री मंत्र का पाठ सरल एवं अत्यंत प्रभावशाली है।
?मंत्र यह है:-
*।।ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात् ।।*
इस मंत्र का पवित्र होकर शिवरात्रि को या किसी भी सोमवार को जपना शुरू करें।इसी के साथ सोमवार का व्रत भी रखें तो श्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होंगे।
शिवजी के सामने घी का दीपक लगाएँ। जब भी यह मंत्र करें एकाग्रचित्त होकर करें,पितृदोष एवं कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को यह मंत्र प्रतिदिन करना चाहिए। सामान्य व्यक्ति भी यदि करे तो भविष्य में कष्ट नहीं व्याप्त होगा।इस जाप से मानसिक शांति,यश,समृद्धि,कीर्ति प्राप्त होती है। शिव की कृपा का प्रसाद मिलता है।
*?शिव अघोर मन्त्र?*
पाप दोष से मुक्ति हेतु करें अघोर मन्त्र का जाप।
?मन्त्र ये है:-
*।।ॐ अघोरेभ्यो अथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्वशर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः।।*
इस अघोर मंत्र का एक लाख बार जाप करने से ब्रह्महत्यारा भी मुक्त हो जाता है।
पचास हजार जप करने से वाचिक पाप तथा पच्चीस हजार जप से मानसिक पाप,चार लाख जप करने से जानबूझकर किये गये पाप तथा
आठ लाख जप से क्रोधपूर्वक किये गये पाप नष्ट हो जातेहैं।
*?।।ॐ नमः शिवाय।।?*
*हर!हर!!महादेव!!