विश्वास का फल
विश्वास का फल:-
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वह गाड़ी से उतरा और बड़ी तेज़ी से एयरपोर्ट मे घुसा , जहाज उड़ने के लिए तैयार था , उसे किसी कांफ्रेंस मे पहुंचना था जो खास उसी के लिए आयोजित की जा रही थी.....वह अपनी सीट पर बैठा और जहाज़ उड़ गया...अभी कुछ दूर ही जहाज़ उड़ा था कि....कैप्टन ने ऐलान किया , तूफानी बारिश और बिजली की वजह से जहाज का रेडियो सिस्टम ठीक से काम नही कर रहा....इसलिए हम करीबी एयरपोर्ट पर उतरने के लिए मजबूर हैं.।
जहाज उतरा वह बाहर निकल कर कैप्टन से शिकायत करने लगा कि.....उसका एक-एक मिनट कीमती है और होने वाली कांफ्रेस मे उसका पहुचना बहुत जरूरी है....पास खड़े दूसरे मुसाफिर ने उसे पहचान लिया....और बोला डॉक्टर अविनाश साहब आप जहां पहुंचना चाहते हैं.....टैक्सी द्वारा यहां से तीन घंटे मे पहुंच सकते हैं.....उसने धन्यवाद किया और टैक्सी लेकर निकल पड़ा...
लेकिन ये क्या आंधी , तूफान , बिजली , बारिश ने चलना मुश्किल कर दिया , फिर भी वह चलता रहा...अचानक ड्राइवर को एह़सास हुआ कि वह रास्ता भटक चुका है...और आगे चलना मुश्किल है।
नाउम्मीदी के उतार चढ़ाव के बीच उसे एक छोटा सा घर दिखा....इस तूफान मे सही समझ कर गाड़ी से नीचे उतरा और दरवाजा खटखटाया....
अंदर से आवाज आई....जो कोई भी है अंदर आ जाए..दरवाजा खुला है...
अंदर एक बुढ़िया बोरी बिछाये सदगुरुदेव जी की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रही थी...उसने कहा ! मां जी अगर इजाजत हो तो आपका फोन इस्तेमाल कर लूं...
बुढ़िया मुस्कुराई और बोली.....बेटा कौन सा फोन ?? यहां ना बिजली है ना फोन..
लेकिन तुम बैठो..सामने चाय रखी है प्याली मे डालकर पी लो....थकान दूर हो जायेगी..और खाने के लिए भी कुछ ना कुछ मिल जायेगा.....खा लो ! ताकि आगे सफर के लिए कुछ आसानी हो जाये...
डाक्टर ने धन्यवाद किया और चाय पीने लगा....बुढ़िया प्रार्थना में लगी हुई थी कि बुढ़िया के पास उसकी नज़र पड़ी....एक बच्चा कंबल मे लपेटा पड़ा था जिसे वह थोड़ी- थोड़ी देर मे हिला देती थी...
उस बूढ़ी मां ने प्रार्थना खत्म करी तो उसने कहा....मां जी ! आपके व्यवहार और एह़सान ने मुझ पर जादू कर दिया है....आप मेरे लिए भी गुरुदेव से प्रार्थना कर दीजिए....मुझे उम्मीद है आपकी प्रार्थना ज़रूर पूरी होती होंगी...
बुढ़िया बोली....नही बेटा ऐसी कोई बात नही...तुम राहगीर हो और राहगीर की सेवा करने से ईश्वर खुश होता हैं....मैने तुम्हारे लिए भी प्रार्थना की है....मालिक का धन्यवाद है....कि उसने मेरी हर प्रार्थना सुनी है..
बस एक प्रार्थना सुनने मे शायद अभी समय है... जब वह चाहेगा उसे भी पूरी कर देगा...
कौन सी प्रार्थना..?? डाक्टर बोला...
बुढ़िया बोली...ये जो बच्चा तुम्हारे सामने अधमरा पड़ा है , मेरा पोता है , ना इसकी मां ज़िंदा है ना ही बाप , इस बुढ़ापे मे इसकी जिम्मेदारी मुझ पर है , डाक्टर कहते हैं...इसे खतरनाक बीमारी है जिसका वो इलाज नही कर सकते , कहते हैं एक ही नामवर डाक्टर है , क्या नाम बताया था उसका ! हां "डॉ अविनाश "....वह इसका ऑप्रेशन कर सकता है , लेकिन मैं बुढ़िया कहां उस तक पहुंच सकती हूं ? लेकर जाऊं भी तो पता नही वह देखने पर राजी भी हो या नही ? बस अब गुरुवर से प्रार्थना है कि वह मेरी मुश्किल आसान कर दे..!!
डाक्टर की आंखों से आंसु बहने लगे....वह भर्राई हुई आवाज मे बोला !
आपकी गुरुवर की कसम.... *आपकी प्रार्थना ने हवाई जहाज को नीचे उतार लिया , आसमान पर बिजलियां कौदवां दीं , मुझे रस्ता भुलवा दिया , ताकि मैं यहां तक खींचा चला आऊं , मुझे यकीन ही नही हो रहा....कि ईश्वर एक प्रार्थना सुन कर अपने भक्त के लिए इस तरह से मदद कर सकता है*...!!!!
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सदगुरुदेव सब कुछ जानने वाले है है... अपने गुरुदेव के ऊपर विश्वास करके तो देखो... *जहां जाकर इंसान लाचार हो जाता है , वहां से उनकी कृपा शुरू हो जाती है।
अपने गुरु के ऊपर श्रद्धा, विश्वास और समर्पण ही जीवन का मूल मापदंड है।
अंत में मेरी सभी मित्रों को प्रार्थना है कि अपने गुरुदेव पर पूर्ण विश्वास करें।
*?अनंत कोटि ब्रह्मांड नायक राजाधिराज योगीराज*
*परब्रह्म सच्चिदानंद सदगुरु*
*श्री निखिलेश्वरानंद महाराज की जय ?*
*???ॐ
निखिलेश्वरानंदाए
नमः ???*