Join Free | Sign In | Blog

एक आध्यात्मिक व्यक्ति शांति, आनंद,प्रेम, और स्थिरता का स्रोत होता है

MTYV Sadhana Kendra -
Friday 12th of June 2015 07:59:32 AM


एक आध्यात्मिक व्यक्ति शांति, आनंद,प्रेम, और स्थिरता का स्रोत होता है, 

कई लोग मिल जायेंगे जो दावा करेंगे कि उनकी सीधी भगवान् से बात होती है, किसी का भगवान् कभी रोशनी का गोला होता है, किसी का कृष्ण, राम, या दुर्गा माता कोई भी जाना या अनजाना नाम होता है.ऐसे लोग दावा करेंगे कि उनके भगवान या उनके गुरु ने उनसे सीधे संपर्क करके उनको ये आदेश दिया या ये सन्देश दिया इत्यादि.......... में अगर व्यक्क्ति बातों को तर्क और दार्शनिकता के कपड़े पहनाने में भी कुशल है तब तो हालत करेला ऊपर से नीम चढ़ा वाली हालत हो जाती है. ऐसा व्यक्ति बड़े ही आत्मविश्वास और निश्चितता के भाव से कई तरह का असामान्य व्यवहार करता दिखाई दे सकता है, उदाहरण के लिये- वो अपना सारा पैसा खर्च कर सकता है, किसी अपने या अजनबी की मृत्यु पर मुस्कराता,हँसता या नाचता मिल सकता है और उसके तर्क भी दे सकता है, वो किसी भी पल अपना घर, दुकान,व्यवसाय या नौकरी छोड़ सकता है,वो दुनिया बदलने के दावे करता और योजनायें बनाता मिल सकता है, अपने कैसे भी विचारों को अमूल्य और दिव्य कह सकता है, किसी भी क्षण कोई उल्टी सीधी हरकत कर सकता है और उसे भगवान् दर्शन बता सकता है. उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक देख सकते हो जो उसके पागलपन की ओर इशारा करती है, लोग अक्सर इस चमक को दैवीय चमक समझने की भूल कर बैठते हैं. एक आध्यात्मिक व्यक्ति की आँखों में शांति होती है, कोई उत्तेजना नहीं होती. आध्यात्मिक व्यक्ति सहज और संतुलित व्यक्ति होता है.
आध्यात्मिक व्यक्ति इस अवस्था में वही व्यक्ति अपने में सिकुड़ जाता है, अकेले रहने लगता है या अकेली यात्राओं पर चला जाता है, बोलना बहुत कम कर देता है या फिर चुप ही हो जाता है, बस अपने में खो जाता है, किसी से मिलना जुलना पसंद नहीं करता. अब वो दुनिया बदलने की बात नहीं करता, 
ऐसे लोगों को अनुयायी भी उनके जैसे ही मिल जाते हैं, समान व्यक्तित्व आपस में आकर्षित हो जाते हैं. हमें मनुष्य के मन को समझना होगा, उसकी विक्षिप्तताओं को समझना होगा तभी एक स्वस्थ समाज निर्मित होगा.
विक्षिप्तता तब सबसे ख़तरनाक होती है जब वो आध्यात्मिकता के शब्दों का प्रयोग करने लगती है. इसलिये ही दावेदारों से हमेशा सतर्क रहो, जैसे ही कोई कहे कि उसे परम ज्ञान मिल गया है या परमात्मा द्वारा चुना हुआ एक विशेष व्यक्ति है, उसकी मानसिक चिकित्सा की व्यवस्था करो. एक आध्यात्मिक व्यक्ति शांति, आनंद,प्रेम, और स्थिरता का स्रोत होता है, आध्यात्मिक व्यक्ति कुछ भी कहते हुए संकोच अनुभव करता है क्योंकि वह जानता है कि सत्य को कहते ही वो असत्य हो जाता है, जबकि विक्षिप्त वाला व्यक्ति निःसंकोच दावेदारी करता है और स्वयं को सबसे अधिक स्वस्थ, समझदार और सरल व्यक्ति मानता है.

Guru Sadhana News Update

Blogs Update