प्रधान साधार विकल्प सत्ता स्वभाव भावद भुवन त्रयस्य |
सा विद्यया व्यक्तमपिहा माया ज्योतिः परा पातु जगंती नित्यं ||
दसमहाविद्या ओ मे भगवती मातंगी कि साधना अत्यंत सौभाग्यप्रद मानी जाती है,क्युकी यह केवल साधना ही नहीं अपितु सही अर्थो मे पुरे जीवन को आमूलचूल परिवर्तित कर देने कि ऐतिहासिक घटना है,इस साधना के बाद जीवन का कोई क्षेत्र अधूरा और शेष रहता ही नहीं है.ये बात किताबो मे आपको पढ़ने कि लिए मिल जायेगी परन्तु यह मेरी अनुभुतित साधना है,यह साधना संपन्न करने के बाद ही मुज़े हर क्षेत्र मे सफलता मिली है,
इस साधना के लाभ आज तक कभी पूर्ण स्पष्ट नहीं हो पाये ,क्युकी आप ज्यो भी इच्छा पूर्ती के लिए साधना करते है वह इच्छा पूर्ण हो जाती ही है,तो कैसे पता चलेगा कि इस साधना के कितने लाभ है.
मातंगी साधना कि सिद्धि पूर्ण श्रद्धा एवं विश्वास पर आधारित है,अन्यथा अभीष्ट सिद्धि कि संभावना नहीं बनेगी.
अक्षय तृतीया के दिन ''मातंगी जयंती'' होती है और आनेवाली वैशाख पूर्णिमा ''मातंगी सिद्धि दिवस'' होता है.इन १२ दिनों मे आप चाहे उतना मंत्र जाप कर सकते है,अगर येसी कोई साधना आप कर रहे है जिसमे सिद्धि नहीं मिल रही है या फिर सफलता नहीं मिल रही है,तो इन १२ दिनों मे आपकी मनचाही साधना मे सिद्धि प्राप्ति कि इच्छा कीजिये और मातंगी साधना संपन्न कीजिये.सफलता ही आपकी दासी बन जायेगी.
विनियोग :-
अस्य मंत्रस्य दक्षिणामूर्ति हृषीविराट छंद : मातंगी देवता ह्रीं बीजं हूं शक्तिः क्लीं कीलकं सर्वाभीष्ट सिद्धये जपे विनियोगः |
ध्यान:-
श्यामांगी शशिशेखरां त्रिनयनां वेदैः करैविर्भ्रतीं ,
पाषं खेटमथामकुशं दृध्मसिं नाशाय भक्त द्विशाम |
रत्नालंकरण ह्रीं प्रभोज्ज्वलतनुं भास्वत्किरीटाम् शुभां ;
मातंगी मनसा स्मरामि सदयां सर्वार्थसिद्धि प्रदाम ||
मंत्र :-