yatra me sadhana dev poojan kese kare
यात्रा में साधना में देव पूजन विधान, पंचोपचार, षोडशोपचार पूजन मंत्र, मंत्र अनुष्ठान विधि नित्य पूजा विधि
यात्रा में साधना में देव पूजन विधान
कोई भी साधना में देव पूजन के कई विधान होते है . पंचोपचार , षोडशोपचार, इत्यादि. यहाँ मैं यात्रा के लिए देव पूजन विधान की चर्चा कर रहा हु . मान लीजिये आप कोई साधना कर रहे है और अचानक से आपको कहीं दूसरी जगह जाना पड़ गया तो फिर आप पूजन केसे करेंगे ? आप रेल गाड़ी में बेठे है साधना भी करनी है तो धुप , दीपक केसे जलाएंगे ? आप किसी होटल में रुके है और साधना भी चल रही है तो वहां पूजन आप केसे कर सकते है ? हो सकता है की आस पास पुष्प आपको मिले ही ना. जो मेरे कहने का मतलब है की वो परिस्थिति जब हमको साधना करनी हो लेकिन पूजन सामग्री उपलब्द न हो तो पूजन केसे करें ???इस स्थिति में पंचमहाभूत विधि का प्रयोग करना चाहिए . जो ऋषि हिमालय में या जंगलों में साधना करते है वो इसी विधि का प्रयोग करते है ,आप खुद सोचिये की वो जंगलों में घी, अगरबत्ती वगेरह कहाँ से लायेंगे ? तो वो समस्त योगी पूजन सामग्री उपलब्द न होने पे इसी विधि का प्रयोग करते है. वो पूजन विधि, वो मंत्र मैं आपको बता रहा हु . -
1. ॐ लं पृथीव्यात्म्कम गंध समर्पयामि (देवता का नाम ) नमः
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2. ॐ हं आकाशात्मकं पुष्पं समर्पयामि (देवता का नाम ) नमः
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3. ॐ वं वाय्वात्म्कम धूपं आघ्रापयामि (देवता का नाम ) नमः
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4. ॐ रं व्रह्यात्म्कम दीपं दर्शयामि (देवता का नाम ) नमः
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5. ॐ वं अम्रितात्म्कम नवेधम निवेदयामि (देवता का नाम ) नमः
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6. ॐ यं रं लं वं हं सौह मन्त्र पुष्पान्ज्लिम (देवता का नाम )नमः
जय गुरुदेव